देव :एक फ़क़ीर...!

देव :एक फ़क़ीर...!
चलो दिल को छूलें...

मंगलवार, 13 सितंबर 2011

निशान


आज  दोनों बिना हाथ थामे,  किनारे की रेत पर कदमों के निशान बनाते हुए, खामोश चल रहे थे...
रुक कर पीछे मुडी और कहा " देखो लहरों ने हमारे क़दमों के निशान मिटा दिए..
अगले महीने मेरी शादी है....तुम आना ज़रूर.."

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